मैं कभी बतलाता नहीं, पर अंधेरे से डरता हूँ मैं माँ
तुझे सब है पता, मेरी माँ 💞💞
वो शब्द
जिसके आगे
सब शब्द
निःशब्द हैं
वो है माँ
ब्याँ नहीं किया जा सकता
जिसे चंद वाक्यों में
वो हैं माँ
केवल तस्वीरों से व्यक्त नहीं किया जा सकता
जिसका प्यार
वो हैं माँ
जिसका हर दिन
हमारे लिये हैं
उसके लिये
केवल एक दिन निकाले
ये तो अन्याय हैं
क्यूँ ना रोज ही थोड़ा समय निकाले
जिसका हर समय हमारे लिये हैं ।
©vaishali_singhal
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