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My poem in "VAGARTH MAGZINE"

About Magzine:- Vagarth (वागर्थ ) is a Hindi literary magazine published by Bhartiya Bhasha Parishad ( भारतीय भाषा परिषद ) from Kolkata.   ...

कभी न थकने वाले पाँव

 Image may contain: 1 person, text that says 'चले जा रहे हैं बस चले जा रहे हैं, वे पाँव जिनकी मंजिल का ठिकाना नहीं इल्म नहीं उन्हें इतना भी कि पहुँच भी पाएंगे किसी मंजिल तक तक या मिलेगी बस अतिम मंजिल ना जाने कैसे, कब और कहाँ से आये थे कौन हैं वे लोग बेबसी और लाचारी बन गया उनका पर्याय रचयिता I| वैशाली सिंघल'



©vaishali_singhal

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